लूक़ा 23:44-45
लूक़ा 23:44-45 UCVD
तक़रीबन दोपहर का वक़्त था, के चारों तरफ़ अन्धेरा छा गया और तीन बजे तक पूरे मुल्क की यही हालत रही। सूरज तारीक हो गया और बैतुलमुक़द्दस का पर्दा फट कर दो टुकड़े हो गया
तक़रीबन दोपहर का वक़्त था, के चारों तरफ़ अन्धेरा छा गया और तीन बजे तक पूरे मुल्क की यही हालत रही। सूरज तारीक हो गया और बैतुलमुक़द्दस का पर्दा फट कर दो टुकड़े हो गया