मरकुस 7:21-23
मरकुस 7:21-23 BAG
काहेकि मनई के देंह के भीतर से अरथात मन से, घिनहे-घिनहे बिचार, ब्यभिचार करब, चोरी करब, कतल करब, दुसरे के मेहेरिआ से नजायज सम्बन्ध रक्खब, लालच करब, दुस्टता करब, छल करब, लुच्चई करब, बुरी नजर से देखब, दुसरे के बुराई करब, घमन्ड करब, अउर मुरखईं के बातँय निकरती हईं। ईं सगली बुरी बातँय मनई के भितरय से निकरती हईं, अउर मनई काहीं परमातिमा के नजर माहीं असुद्ध करती हईं।”