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मत्ती 15

15
रीति-रिबाजन काहीं मानँइ के बारे माहीं प्रस्न
(मरकुस 7:1-13)
1तब यरूसलेम सहर से कुछ फरीसी लोग अउर मूसा के बिधान सिखामँइ बाले यीसु के लघे आइके पूँछँइ लागें, 2कि “अपना के चेला लोग बाप-दादन के रीति-रिबाजन काहीं काहे नहीं मानँय, बिना हाँथ धोए खाना खात हें?” 3तब यीसु उनहीं जबाब दिहिन, कि “अपने रीति-रिबाजन काहीं मानँइ के कारन तुहूँ पंचे परमातिमा के हुकुम के उलंघन काहे करते हया? 4काहेकि परमातिमा कहिन हीं, कि ‘अपने महतारी-बाप के मान-सम्मान किहा’, अउर ‘जे कोऊ अपने महतारी-बाप के अपमान करय, त ओही जरूर मारि डारा जाय।’ #निरग 20:12; लैब्य 20:9; ब्यब 5:16 5पय तूँ पंचे कहते हया, कि अगर कोऊ अपने महतारी-बाप से कहय, कि ‘जउन कुछू फायदा तोहईं पंचन काहीं हमसे मिल सकत रहा हय, त ओही हम परमातिमा काहीं भेंट चढ़ाय दिहेन हय’, 6त पुनि उआ अपने महतारी-बाप काहीं कुछू नहीं दइ सकय। इआमेर से तूँ पंचे, अपने रीति-रिबाजन काहीं मानँइ के कारन, परमातिमा के बचन काहीं इनकार कइ देते हया। 7हे कपटिव, परमातिमा के सँदेस बतामँइ बाले यसायाह तोंहरे बारे माहीं इआ भबिस्सबानी ठीकय किहिन हीं:
8‘ईं पंचे मुँहे से त हमार मान-सम्मान करत हें, पय अपने मन से हमार मान-सम्मान नहीं करँय।
9अउर ईं पंचे बेकार माहीं हमार उपासना करत हें, काहेकि मनइन के नेमन काहीं, परमातिमा के नेम आय, इआ कहिके सिखाबत हें’#यसा 29:13।”
मनइन काहीं असुद्ध करँइ बाली बातँय
10तब यीसु मनइन काहीं अपने लघे बोलाइके कहिन, “सुना, अउर समझा: 11जऊँ मनई के मुहें से पेटे के भीतर जात हय, उआ मनई काहीं असुद्ध नहीं करय, बलकिन जउन बातँय मनई के मुहें से (मन से) निकरती हईं, केबल उँइन बातँय मनई काहीं परमातिमा के नजर माहीं असुद्ध करती हईं।” 12तब चेला लोग आइके यीसु से कहिन, “का अपना जानित हएन, कि अपना के इआ बचन काहीं सुनिके फरीसी लोग बड़ा नागा मानिन हीं?” 13तब यीसु उनहीं इआ जबाब दिहिन, कि “हरेक बिरबा जउने काहीं स्वरग माहीं रहँइ बाले हमार पिता नहीं लगाइन आय, उआ उँखाड़ा जई। 14उनहीं जाँइ द्या; काहेकि ऊँ पंचे गइल बतामँइ बाले आँधर मनई कि नाईं हें, त इआ बताबा कि अगर एकठे आँधर मनई दुसरे आँधर मनई काहीं गइल बताई, त का ऊँ दोनव जने गड्ढा माहीं न गिर परिहँय?”
15इआ सुनिके पतरस यीसु से कहिन, “इआ उदाहरन हमहीं पंचन काहीं समझाय देई।” 16तब यीसु कहिन, “का तूँ पंचे अबय तक नदान बने हया? 17का तूँ पंचे इआ नहीं जनते आह्या, कि जउन कुछू मुहें से पेट माहीं जात हय, त उआ टट्टी से बहिरे निकर जात हय? 18पय जउन कुछू मुहें से निकरत हय, उआ मन से निकरत हय, अउर उहय मनई काहीं परमातिमा के नजर माहीं असुद्ध करत हय। 19काहेकि घिनहे बिचार करब, कतल करब, दुसरे के मेहेरिआ से नजायज सम्बन्ध रक्खब, ब्यभिचार करब, चोरी करब, लबरी गबाही देब, अउर दुसरे के बुराई करब, ईं सगली बातँय करँइ के बिचार मनय से निकरत हय। 20ईंन सगली बातँय मनई काहीं असुद्ध करती हईं, पय अपने रीति-रिबाज के मुताबिक बिना हाँथ धोए खाना खाए से, कउनव मनई परमातिमा के नजर माहीं असुद्ध नहीं होय।”
गैरयहूदी मेहेरिआ के बिसुआस
(मरकुस 7:24-30)
21पुनि यीसु उहाँ से निकरिके, सूर अउर सैदा प्रदेसन कइती चलेगें। 22अउर उआ प्रदेस से कनानी समाज के एकठे मेहेरिआ आई, अउर चिल्लाइके कहँइ लाग, “हे प्रभू! राजा दाऊद के सन्तान, हमरे ऊपर दया करी! हमरे बिटिया काहीं बुरी आत्मा खुब सताय रही हय।” 23पय यीसु ओही कुछू जबाब नहीं दिहिन। तब यीसु के चेला लोग उनखे लघे आइके उनसे बिनती किहिन, कि “ओही बिदा करी, काहेकि उआ हमरे पीछे चिल्लात आय रही हय।” 24तब यीसु उनहीं जबाब दिहिन, “इजराइल के मनइन काहीं छोंड़िके जउन भटकी गाड़र कि नाईं हें, हम अउर कोहू के लघे नहीं पठए गएन आय।” 25पय उआ मेहेरिआ आई, अउर यीसु के गोड़न गिरिके कहँइ लाग, “हे प्रभू हमार मदत करी।” 26तब यीसु ओही जबाब दिहिन, “लड़िकन#15:26 यहूदी लोगन के तुलना लड़िकन से कीन गे ही, अउर गैरयहूदी लोगन के तुलना कुकुरन से कीन गे ही। के रोटी लइके कुकुरन के आँगे डारब उचित नहिं आय।” 27तब उआ मेहेरिआ कहिस, “इआ बात सही आय प्रभू, पय कुकुरव ऊँ चुरकुन काहीं खात हें, जउन उनखे मालिकन के खात माहीं गिर जात हें।” 28इआ बात काहीं सुनिके यीसु उआ मेहेरिआ काहीं जबाब दिहिन, “हे बहिनी, तोंहार बिसुआस बड़ा हय। जइसन तूँ चहते हया, उहयमेर तोंहरे खातिर होय।” अउर ओखर बिटिया ओतनिनदार नीक होइगे।
कइयकठे बिमारन काहीं नीक करब
29पुनि यीसु उहाँ से चलिके गलील प्रदेस के झील के लघे गें, अउर पहार के ऊपर चढ़िके बइठिगें। 30तब खुब मनई उनखे लघे आएँ। अउर ऊँ पंचे अपने साथ लँगड़न, अँधरन, गूँगन, अपहिजन काहीं, अउर दुसरेव मेर के बिमारन काहीं घलाय, यीसु के लघे लइ आएँ, अउर उनहीं उनखे गोड़ेन माहीं गिराय दिहिन, अउर यीसु ऊँ बिमारन काहीं नीक कइ दिहिन। 31जब मनई देखिन कि गूँगा मनई बोलँइ लागत हें, अउर अपाहिज निकहे होइ जात हें, लाँगड़ चलँइ लागत हें, अउर आँधर देखँइ लागत हें, त ऊँ पंचे अचरज मानिके, इजराइल के परमातिमा के बड़ाई करँइ लागें।
यीसु चार हजार मनइन काहीं खाना खबाइन
(मरकुस 8:1-10)
32यीसु अपने चेलन काहीं अपने लघे बोलाइके कहिन, “हमहीं इआ भीड़ के मनइन के ऊपर बड़ी दया आबत ही, काहेकि ईं पंचे तीन दिना से हमरे साथ हें, अउर इनखे लघे खाँय के खातिर कुछू हइअव नहिं आय। अउर हम इनहीं भूँखे बिदा नहीं करँइ चाही, कहँव अइसा न होय, कि ईं पंचे बिहोस होइके गइलय माहीं परे रहि जाँय।” 33तब चेला लोग यीसु से कहिन, “इआ सुनसान जघा माहीं हमहीं पंचन काहीं एतनी रोटी कहाँ से मिली, कि हम पंचे एतनी बड़ी भीड़ के मनइन काहीं खबाइके संतुस्ट करी?” 34तब यीसु चेलन से पूँछिन, “तोंहरे लघे केतनी रोटी हईं?” ऊँ पंचे कहिन, “सातठे रोटी, अउर कुछ छोट-छोट मछरी घलाय हईं।” 35तब यीसु सगले जनेन काहीं, भुँइ माहीं बइठँय के हुकुम दिहिन। 36अउर यीसु ऊँ सातठे रोटी, अउर मछरिन काहीं हाँथे म लइके, परमातिमा काहीं धन्यबाद दइके टोरिन, अउर अपने चेलन काहीं देत गें, अउर चेला लोग मनइन काहीं परसत गें। 37इआमेर से सगले मनई खाइके संतुस्ट होइगें। अउर ओखे बाद चेला लोग, बँचे टुकड़न से सात टोपरी भरिके उठाइन। 38अउर खाना खाँइ बालेन म मेहेरिअन अउर लड़िकन काहीं छोंड़िके, चार हजार मंसेरुआ रहे हँय। 39ओखे बाद यीसु उआ भीड़ के मनइन काहीं बिदा कइके, नाव माहीं चढ़िके मगदन प्रदेस काहीं चलेगें।

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