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भजन संहिता 60

60
छुटकारे के लिये प्रार्थना
प्रधान बजानेवाले के लिये दाऊद का मिक्ताम शूशनेदूत राग में। शिक्षादायक। जब वह अरम्नहरैम और अरमसोबा से लड़ता था। और योआब ने लौटकर नमक की तराई में एदोमियों में से बारह हजार पुरुष मार लिये
1हे परमेश्वर, तूने हमको त्याग दिया,
और हमको तोड़ डाला है;
तू क्रोधित हुआ; फिर हमको ज्यों का त्यों कर दे।
2तूने भूमि को कँपाया और फाड़ डाला है;
उसके दरारों को भर दे, क्योंकि वह डगमगा रही है।
3तूने अपनी प्रजा को कठिन समय दिखाया;
तूने हमें लड़खड़ा देनेवाला दाखमधु पिलाया है#60:3 तूने हमें लड़खड़ा देनेवाला दाखमधु पिलाया है: कहने का अर्थ है कि उनकी दशा ऐसी है जैसे कि परमेश्वर ने उन्हें नशीले पदार्थ का कटोरा पिला दिया है, जिसके कारण वे स्थिर खड़े नहीं हो पा रहे है।
4तूने अपने डरवैयों को झण्डा दिया है,
कि वह सच्चाई के कारण फहराया जाए। (सेला)
5तू अपने दाहिने हाथ से बचा, और हमारी सुन ले
कि तेरे प्रिय छुड़ाए जाएँ।
6परमेश्वर पवित्रता के साथ बोला है, “मैं प्रफुल्लित होऊँगा;
मैं शेकेम को बाँट लूँगा, और सुक्कोत की तराई को नपवाऊँगा।
7गिलाद मेरा है; मनश्शे भी मेरा है;
और एप्रैम मेरे सिर का टोप,
यहूदा मेरा राजदण्ड है।
8मोआब मेरे धोने का पात्र है;
मैं एदोम पर अपना जूता फेंकूँगा;
हे पलिश्तीन, मेरे ही कारण जयजयकार कर।”
9मुझे गढ़वाले नगर में कौन पहुँचाएगा?
एदोम तक मेरी अगुआई किसने की है?
10हे परमेश्वर, क्या तूने हमको त्याग नहीं दिया?
हे परमेश्वर, तू हमारी सेना के साथ नहीं जाता।
11शत्रु के विरुद्ध हमारी सहायता कर,
क्योंकि मनुष्य की सहायता व्यर्थ है#60:11 मनुष्य की सहायता व्यर्थ है: हमारी सहायता परमेश्वर से है। मनुष्य न तो अगुआई कर सकता है न ही शक्ति दे सकता है, न क्षमा कर सकता, न उद्धार दिला सकता है। मनुष्य से सहायता की आशा करना व्यर्थ है।
12परमेश्वर की सहायता से हम वीरता दिखाएँगे,
क्योंकि हमारे शत्रुओं को वही रौंदेगा।

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