मरकुस 3:1-5
मरकुस 3:1-5 HINOVBSI
वह फिर आराधनालय में गया; वहाँ एक मनुष्य था जिसका हाथ सूख गया था, और वे उस पर दोष लगाने के लिये उस की घात में लगे हुए थे कि देखें, वह सब्त के दिन उसे चंगा करता है कि नहीं। उसने सूखे हाथवाले मनुष्य से कहा, “बीच में खड़ा हो।” और उनसे कहा, “क्या सब्त के दिन भला करना उचित है या बुरा करना, प्राण को बचाना या मारना?” पर वे चुप रहे। उसने उनके मन की कठोरता से उदास होकर, उनको क्रोध से चारों ओर देखा, और उस मनुष्य से कहा, “अपना हाथ बढ़ा।” उसने बढ़ाया, और उसका हाथ अच्छा हो गया।