YouVersion Logo
Search Icon

श्रेष्ठगीत 3:1

श्रेष्ठगीत 3:1 HINOVBSI

रात के समय मैं अपने पलंग पर अपने प्राणप्रिय को ढूँढ़ती रही; मैं उसे ढूँढ़ती तो रही, परन्तु उसे न पाया