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नीतिवचन 24:15-18

नीतिवचन 24:15-18 HINOVBSI

हे दुष्‍ट, तू धर्मी के निवास को नष्‍ट करने के लिये घात में न बैठ; और उसके विश्रामस्थान को मत उजाड़; क्योंकि धर्मी चाहे सात बार गिरे तौभी उठ खड़ा होता है; परन्तु दुष्‍ट लोग विपत्ति में गिरकर पड़े ही रहते हैं। जब तेरा शत्रु गिर जाए तब तू आनन्दित न हो, और जब वह ठोकर खाए, तब तेरा मन मगन न हो। कहीं ऐसा न हो कि यहोवा यह देखकर अप्रसन्न हो। और अपना क्रोध उस पर से हटा ले।