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गिनती 26

26
इस्राएलियों की दूसरी जनगणना#गिन 1:1–46
1फिर यहोवा ने मूसा और एलीआज़ार नामक हारून याजक के पुत्र से कहा, 2“इस्राएलियों की सारी मण्डली में जितने बीस वर्ष के, या उससे अधिक अवस्था के होने से इस्राएलियों के बीच युद्ध करने के योग्य हैं, उनके पितरों के घरानों के अनुसार उन सभों की गिनती करो।” 3अत: मूसा और एलीआज़ार याजक ने यरीहो के पास यरदन नदी के तट पर मोआब के अराबा में उन को समझाके कहा, 4“बीस वर्ष के और उससे अधिक आयु के लोगों की गिनती लो, जैसा कि यहोवा ने मूसा और इस्राएलियों को मिस्र देश से निकल आने के समय आज्ञा दी थी।”
5रूबेन जो इस्राएल का जेठा था; उसके ये पुत्र थे; अर्थात् हनोक, जिससे हनोकियों का कुल चला; और पल्‍लू, जिससे पल्‍लूइयों का कुल चला; 6हेस्रोन, जिससे हेस्रोनियों का कुल चला; और कर्मी, जिससे कर्मियों का कुल चला। 7रूबेनवाले कुल ये ही थे; और इनमें से जो गिने गए वे तैंतालीस हज़ार सात सौ तीस पुरुष थे। 8और पल्‍लू का पुत्र एलीआब था। 9और एलीआब के पुत्र नमूएल, दातान, और अबीराम थे। ये वही दातान और अबीराम हैं जो सभासद थे; और जिस समय कोरह की मण्डली ने यहोवा से झगड़ा किया था, उस समय उस मण्डली में मिलकर वे भी मूसा और हारून से झगड़े थे; 10और जब उन ढाई सौ मनुष्यों के आग में भस्म हो जाने से वह मण्डली मिट गई, उसी समय पृथ्वी ने मुँह खोलकर कोरह समेत इनको भी निगल लिया; और वे एक दृष्‍टान्त ठहरे। 11परन्तु कोरह के पुत्र नहीं मरे थे।
12शिमोन के पुत्र जिनसे उनके कुल निकले वे ये थे; अर्थात् नमूएल, जिससे नमूएलियों का कुल चला; और यामीन, जिससे यामीनियों का कुल चला; और याकीन, जिससे याकीनियों का कुल चला; 13और जेरह, जिससे जेरहियों का कुल चला; और शाऊल, जिससे शाऊलियों का कुल चला। 14शिमोनवाले कुल ये ही थे; इनमें से बाईस हज़ार दो सौ पुरुष गिने गए।
15गाद के पुत्र जिनसे उनके कुल निकले वे ये थे; अर्थात् सपोन, जिससे सपोनियों का कुल चला; और हाग्गी, जिससे हाग्गियों का कुल चला; और शूनी, जिससे शूनियों का कुल चला; और ओजनी, जिससे ओजनियों का कुल चला; 16और एरी, जिससे एरियों का कुल चला; और अरोद, जिससे अरोदियों का कुल चला; 17और अरेली, जिससे अरेलियों का कुल चला। 18गाद के वंश के कुल ये ही थे; इनमें से साढ़े चालीस हज़ार पुरुष गिने गए।
19यहूदा के एर और ओनान नामक पुत्र तो हुए, परन्तु वे कनान देश में मर गए। 20और यहूदा के जिन पुत्रों से उनके कुल निकले वे ये थे; अर्थात् शेला, जिससे शेलियों का कुल चला; और पेरेस, जिससे पेरेसियों का कुल चला; और जेरह, जिससे जेरहियों का कुल चला। 21और पेरेस के पुत्र ये थे; अर्थात् हेस्रोन, जिससे हेस्रोनियों का कुल चला; और हामूल, जिस से हामूलियों का कुल चला। 22यहूदियों के कुल ये ही थे; इनमें से साढ़े छिहत्तर हज़ार पुरुष गिने गए।
23इस्साकार के पुत्र जिनसे उनके कुल निकले वे ये थे; अर्थात् तोला, जिससे तोलियों का कुल चला; और पुव्वा, जिससे पुव्वियों का कुल चला; 24और याशूब, जिससे याशूबियों का कुल चला; और शिम्रोन, जिससे शिम्रोनियों का कुल चला। 25इस्साकारियों के कुल ये ही थे; इनमें से चौंसठ हज़ार तीन सौ पुरुष गिने गए।
26जबूलून के पुत्र जिनसे उनके कुल निकले वे ये थे; अर्थात् सेरेद, जिससे सेरेदियों का कुल चला; और एलोन जिससे एलोनियों का कुल चला; और यहलेल, जिससे यहलेलियों का कुल चला। 27जबूलूनियों के कुल ये ही थे; इनमें से साढ़े साठ हज़ार पुरुष गिने गए।
28यूसुफ के पुत्र जिनसे उनके कुल निकले वे मनश्शे और एप्रैम थे। 29मनश्शे के पुत्र ये थे; अर्थात् माकीर, जिससे माकीरियों का कुल चला; और माकीर से गिलाद उत्पन्न हुआ; गिलाद से गिलादियों का कुल चला। 30गिलाद के पुत्र ये थे; अर्थात् ईएजेर, जिससे ईएजेरियों का कुल चला; 31और हेलेक, जिससे हेलेकियों का कुल चला और अस्रीएल, जिससे अस्रीएलियों का कुल चला; और शेकेम, जिससे शेकेमियों का कुल चला; और शमीदा, जिससे शमीदियों का कुल चला; 32और हेपेर, जिससे हपेरियों का कुल चला। 33और हेपेर के पुत्र सलोफाद के बेटे नहीं, केवल बेटियाँ हुईं; इन बेटियों के नाम महला, नोआ, होग्ला, मिल्का, और तिर्सा हैं। 34मनश्शेवाले कुल तो ये ही थे; और इनमें से जो गिने गए वे बावन हज़ार सात सौ पुरुष थे।
35एप्रैम के पुत्र जिनसे उनके कुल निकले वे ये थे; अर्थात् शूतेलह, जिस से शूतेलहियों का कुल चला; और बेकेर, जिससे बेकेरियों का कुल चला; और तहन, जिससे तहनियों का कुल चला। 36और शूतेलह का यह पुत्र हुआ; अर्थात् एरान, जिस से एरानियों का कुल चला। 37एप्रैमियों के कुल ये ही थे; इनमें से साढ़े बत्तीस हज़ार पुरुष गिने गए। अपने कुलों के अनुसार यूसुफ के वंश के लोग ये ही थे।
38बिन्यामीन के पुत्र जिनसे उनके कुल निकले वे ये थे; अर्थात् बेला जिससे बेलियों का कुल चला; और अशबेल, जिससे अशबेलियों का कुल चला; और अहीराम, जिससे अहीरामियों का कुल चला; 39और शपूपाम, जिससे शपूपामियों का कुल चला; और हूपाम, जिससे हूपामियों का कुल चला। 40और बेला के पुत्र अर्द और नामान थे; तथा अर्द से अर्दियों का कुल, और नामान से नामानियों का कुल चला। 41अपने कुलों के अनुसार बिन्यामीनी ये ही थे; और इनमें से जो गिने गए वे पैंतालीस हज़ार छ: सौ पुरुष थे।
42दान का पुत्र जिससे उनका कुल निकला यह था; अर्थात् शूहाम, जिससे शूहामियों का कुल चला। और दान का कुल यही था। 43और शूहामियों में से जो गिने गए उनके कुल में चौंसठ हज़ार चार सौ पुरुष थे। 44आशेर के पुत्र जिनसे उनके कुल निकले वे ये थे; अर्थात् यिम्ना, जिससे यिम्नियों का कुल चला; यिश्री, जिससे यिश्रियों का कुल चला; और बरीआ, जिस से बरीइयों का कुल चला। 45फिर बरीआ के ये पुत्र हुए; अर्थात् हेबेर, जिससे हेबेरियों का कुल चला; और मल्कीएल, जिससे मल्कीएलियों का कुल चला। 46और आशेर की बेटी का नाम सेरह है। 47आशेरियों के कुल ये ही थे; इनमें से तिर्पन हज़ार चार सौ पुरुष गिने गए।
48नप्‍ताली के पुत्र जिनसे उनके कुल निकले वे ये थे; अर्थात् यहसेल, जिससे यहसेलियों का कुल चला; और गूनी, जिस से गूनियों का कुल चला : 49येसेर, जिससे येसेरियों का कुल चला; और शिल्‍लेम, जिससे शिल्‍लेमियों का कुल चला। 50अपने कुलों के अनुसार नप्‍ताली के कुल ये ही थे; और इनमें से जो गिने गए वे पैंतालीस हज़ार चार सौ पुरुष थे।
51सब इस्राएलियों में से जो गिने गए थे वे ये ही थे; अर्थात् छ: लाख एक हज़ार सात सौ तीस पुरुष थे।
52फिर यहोवा ने मूसा से कहा, 53“इनको, इनकी गिनती के अनुसार, वह भूमि इनका भाग होने के लिये बाँट दी जाए। 54अर्थात् जिस कुल में अधिक हों उनको अधिक भाग, और जिसमें कम हों उनको कम भाग देना; प्रत्येक गोत्र को उसका भाग उसके गिने हुए लोगों के अनुसार दिया जाए। 55तौभी देश चिट्ठी डालकर बाँटा जाए; इस्राएलियों के पितरों के एक एक गोत्र का नाम, जैसे जैसे निकले वैसे वैसे वे अपना अपना भाग पाएँ। 56चाहे बहुतों का भाग हो चाहे थोड़ों का हो, जो जो भाग बाँटे जाएँ वह चिट्ठी डालकर बाँटे जाएँ।”#गिन 34:13; यहो 14:1,2
57फिर लेवियों में से जो अपने कुलों के अनुसार गिने गए वे ये हैं; अर्थात् गेर्शोनियों से निकला हुआ गेर्शोनियों का कुल; कहात से निकला हुआ कहातियों का कुल; और मरारी से निकला हुआ मरारियों का कुल। 58लेवियों के कुल ये हैं; अर्थात् लिब्नियों का, हेब्रोनियों का, महलियों का, मूशियों का, और कोरहियों का कुल। और कहात से अम्राम उत्पन्न हुआ। 59और अम्राम की पत्नी का नाम योकेबेद है, वह लेवी के वंश की थी जो लेवी के वंश में मिस्र देश में उत्पन्न हुई थी; और वह अम्राम से हारून और मूसा और उनकी बहिन मरियम को भी जनी। 60और हारून से नादाब, अबीहू, एलीआज़ार, और ईतामार उत्पन्न हुए।#गिन 3:2 61नादाब और अबीहू उस समय मर गए थे, जब वे यहोवा के सामने ऊपरी आग ले गए थे।#लैव्य 10:1,2; गिन 3:4 62सब लेवियों में से जो गिने गये, अर्थात् जितने पुरुष एक महीने के या उससे अधिक आयु के थे, वे तेईस हज़ार थे; वे इस्राएलियों के बीच इसलिये नहीं गिने गए, क्योंकि उनको देश का कोई भाग नहीं दिया गया था।
63मूसा और एलीआज़ार याजक जिन्होंने मोआब के अराबा में यरीहो के पास की यरदन नदी के तट पर इस्राएलियों को गिन लिया, उनके गिने हुए लोग इतने ही थे। 64परन्तु जिन इस्राएलियों को मूसा और हारून याजक ने सीनै के जंगल में गिना था, उनमें से एक भी पुरुष इस समय के गिने हुओं में न था। 65क्योंकि यहोवा ने उनके विषय कहा था, “वे निश्‍चय जंगल में मर जाएँगे।” इसलिये यपुन्ने के पुत्र कालेब और नून के पुत्र यहोशू को छोड़, उनमें से एक भी पुरुष नहीं बचा।#गिन 14:26–35

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