मरकुस 13:1-20
मरकुस 13:1-20 HINOVBSI
जब वह मन्दिर से निकल रहा था, तो उसके चेलों में से एक ने उस से कहा, “हे गुरु, देख, कैसे विशाल पत्थर और कैसे भव्य भवन हैं!” यीशु ने उससे कहा, “क्या तुम ये बड़े–बड़े भवन देखते हो : यहाँ पत्थर पर पत्थर भी बचा न रहेगा जो ढाया न जाएगा।” जब वह जैतून के पहाड़ पर मन्दिर के सामने बैठा था, तो पतरस और याकूब और यूहन्ना और अन्द्रियास ने अलग जाकर उससे पूछा, “हमें बता कि ये बातें कब होंगी? और जब ये सब बातें पूरी होने पर होंगी उस समय का क्या चिह्न होगा?” यीशु उनसे कहने लगा, “चौकस रहो कि कोई तुम्हें न भरमाए। बहुतेरे मेरे नाम से आकर कहेंगे, ‘मैं वही हूँ!’ और बहुतों को भरमाएँगे। जब तुम लड़ाइयाँ, और लड़ाइयों की चर्चा सुनो, तो न घबराना; क्योंकि इनका होना अवश्य है, परन्तु उस समय अन्त न होगा। क्योंकि जाति पर जाति, और राज्य पर राज्य चढ़ाई करेगा। हर कहीं भूकम्प होंगे, और अकाल पड़ेंगे। यह तो पीड़ाओं का आरम्भ ही होगा। “परन्तु तुम अपने विषय में चौकस रहो; क्योंकि लोग तुम्हें महासभाओं में सौंपेंगे और तुम पंचायतों में पीटे जाओगे, और मेरे कारण हाकिमों और राजाओं के आगे खड़े किए जाओगे, ताकि उनके लिये गवाही हो। पर अवश्य है कि पहले सुसमाचार सब जातियों में प्रचार किया जाए। जब वे तुम्हें ले जाकर सौंपेंगे, तो पहले से चिन्ता न करना कि हम क्या कहेंगे; पर जो कुछ तुम्हें उसी घड़ी बताया जाए वही कहना; क्योंकि बोलनेवाले तुम नहीं हो, परन्तु पवित्र आत्मा है। भाई को भाई, और पिता को पुत्र घात के लिए सौंपेंगे, और बच्चे माता–पिता के विरोध में उठकर उन्हें मरवा डालेंगे। और मेरे नाम के कारण सब लोग तुम से बैर करेंगे; पर जो अन्त तक धीरज धरे रहेगा, उसी का उद्धार होगा। “अत: जब तुम उस उजाड़नेवाली घृणित वस्तु को जहाँ उचित नहीं वहाँ खड़ी देखो, (पढ़नेवाला समझ ले) तब जो यहूदिया में हों, वे पहाड़ों पर भाग जाएँ; जो छत पर हो, वह अपने घर से कुछ लेने को नीचे न उतरे और न भीतर जाए; और जो खेत में हो, वह अपना कपड़ा लेने के लिये पीछे न लौटे। उन दिनों में जो गर्भवती और दूध पिलाती होंगी, उनके लिये हाय हाय! और प्रार्थना किया करो कि यह जाड़े में न हो। क्योंकि वे दिन ऐसे क्लेश के होंगे कि सृष्टि के आरम्भ से, जो परमेश्वर ने सृजी है, अब तक न तो हुए और न फिर कभी होंगे। यदि प्रभु उन दिनों को न घटाता, तो कोई प्राणी भी न बचता; परन्तु उन चुने हुओं के कारण जिनको उसने चुना है, उन दिनों को घटाया।