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मत्ती 27:27-50

मत्ती 27:27-50 HINOVBSI

तब हाकिम के सिपाहियों ने यीशु को किले में ले जाकर सारी पलटन उसके चारों ओर इकट्ठी की, और उसके कपड़े उतारकर उसे लाल रंग का बागा पहिनाया, और काँटों का मुकुट गूँथकर उसके सिर पर रखा, और उसके दाहिने हाथ में सरकण्डा दिया और उसके आगे घुटने टेककर उसे ठट्ठों में उड़ाने लगे और कहा, “हे यहूदियों के राजा, नमस्कार!” और उस पर थूका; और वही सरकण्डा लेकर उसके सिर पर मारने लगे। जब वे उसका ठट्ठा कर चुके, तो वह बागा उस पर से उतारकर फिर उसी के कपड़े उसे पहिनाए, और क्रूस पर चढ़ाने के लिये ले चले। बाहर जाते हुए उन्हें शमौन नामक एक कुरेनी मनुष्य मिला। उन्होंने उसे बेगार में पकड़ा कि उसका क्रूस उठाकर ले चले। उस स्थान पर जो गुलगुता अर्थात् खोपड़ी का स्थान कहलाता है, पहुँचकर उन्होंने पित्त मिलाया हुआ दाखरस उसे पीने को दिया, परन्तु उसने चखकर पीना न चाहा। तब उन्होंने उसे क्रूस पर चढ़ाया, और चिट्ठियाँ डालकर उसके कपड़े बाँट लिये, और वहाँ बैठकर उसका पहरा देने लगे। और उसका दोषपत्र उसके सिर के ऊपर लगाया, कि “यह यहूदियों का राजा यीशु है”। तब उसके साथ दो डाकू एक दाहिने और एक बाएँ, क्रूसों पर चढ़ाए गए। आने–जाने वाले सिर हिला–हिलाकर उसकी निन्दा करते थे, और यह कहते थे, “हे मन्दिर के ढानेवाले और तीन दिन में बनानेवाले, अपने आप को तो बचा! यदि तू परमेश्‍वर का पुत्र है, तो क्रूस पर से उतर आ।” इसी रीति से प्रधान याजक भी शास्त्रियों और पुरनियों समेत ठट्ठा कर करके कहते थे, “इसने औरों को बचाया, और अपने आप को नहीं बचा सकता। यह तो ‘इस्राएल का राजा’ है। अब क्रूस पर से उतर आए तो हम उस पर विश्‍वास करें। उसने परमेश्‍वर पर भरोसा रखा है; यदि वह इस को चाहता है, तो अब इसे छुड़ा ले, क्योंकि इसने कहा था, ‘मैं परमेश्‍वर का पुत्र हूँ’।” इसी प्रकार डाकू भी जो उसके साथ क्रूसों पर चढ़ाए गए थे, उसकी निन्दा करते थे। दोपहर से लेकर तीसरे पहर तक उस सारे देश में अन्धेरा छाया रहा। तीसरे पहर के निकट यीशु ने बड़े शब्द से पुकारकर कहा, “एली, एली, लमा शबक्‍तनी?” अर्थात् “हे मेरे परमेश्‍वर, हे मेरे परमेश्‍वर, तूने मुझे क्यों छोड़ दिया?” जो वहाँ खड़े थे, उनमें से कितनों ने यह सुनकर कहा, “वह तो एलिय्याह को पुकारता है।” उनमें से एक तुरन्त दौड़ा, और स्पंज लेकर सिरके में डुबोया, और सरकण्डे पर रखकर उसे चुसाया। औरों ने कहा, “रह जाओ, देखें एलिय्याह उसे बचाने आता है कि नहीं।” तब यीशु ने फिर बड़े शब्द से चिल्‍लाकर प्राण छोड़ दिए।