मत्ती 14:1-21
मत्ती 14:1-21 HINOVBSI
उस समय चौथाई देश के राजा हेरोदेस ने यीशु की चर्चा सुनी, और अपने सेवकों से कहा, “यह यूहन्ना बपतिस्मा देनेवाला है! वह मरे हुओं में से जी उठा है, इसी लिये उससे सामर्थ्य के काम प्रगट होते हैं।” क्योंकि हेरोदेस ने अपने भाई फिलिप्पुस की पत्नी हेरोदियास के कारण, यूहन्ना को पकड़कर बाँधा और जेलखाने में डाल दिया था। क्योंकि यूहन्ना ने उससे कहा था कि इसको रखना तेरे लिए उचित नहीं है। इसलिये वह उसे मार डालना चाहता था, पर लोगों से डरता था क्योंकि वे उसे भविष्यद्वक्ता मानते थे। पर जब हेरोदेस का जन्मदिन आया, तो हेरोदियास की बेटी ने उत्सव में नाच दिखाकर हेरोदेस को खुश किया। इस पर उसने शपथ खाकर वचन दिया, “जो कुछ तू माँगेगी, मैं तुझे दूँगा।” वह अपनी माता के उसकाने से बोली, “यूहन्ना बपतिस्मा देनेवाले का सिर थाल में यहीं मुझे मँगवा दे।” राजा दु:खी हुआ, पर अपनी शपथ के, और साथ बैठनेवालों के कारण, आज्ञा दी कि दे दिया जाए। और उसने जेलखाने में लोगों को भेजकर यूहन्ना का सिर कटवा दिया; और उसका सिर थाल में लाया गया और लड़की को दिया गया, जिसे वह अपनी माँ के पास ले गई। तब यूहन्ना के चेले आए और उसके शव को ले जाकर गाड़ दिया, और जाकर यीशु को समाचार दिया। जब यीशु ने यह सुना, तो वह नाव पर चढ़कर वहाँ से किसी सुनसान जगह को, एकान्त में चला गया। लोग यह सुनकर नगर–नगर से पैदल ही उसके पीछे हो लिए। उसने निकलकर एक बड़ी भीड़ देखी और उन पर तरस खाया, और उनके बीमारों को चंगा किया। जब साँझ हुई तो उसके चेलों ने उसके पास आकर कहा, “यह सुनसान जगह है और देर हो रही है; लोगों को विदा किया जाए कि वे बस्तियों में जाकर अपने लिये भोजन मोल लें।” पर यीशु ने उनसे कहा, “उनका जाना आवश्यक नहीं! तुम ही इन्हें खाने को दो।” उन्होंने उससे कहा, “यहाँ हमारे पास पाँच रोटी और दो मछलियों को छोड़ और कुछ नहीं है।” उसने कहा, “उनको यहाँ मेरे पास ले आओ।” तब उसने लोगों को घास पर बैठने को कहा, और उन पाँच रोटियों और दो मछलियों को लिया; और स्वर्ग की ओर देखकर धन्यवाद किया और रोटियाँ तोड़–तोड़कर चेलों को दीं, और चेलों ने लोगों को। जब सब खाकर तृप्त हो गए, तो चेलों ने बचे हुए टुकड़ों से भरी हुई बारह टोकरियाँ उठाईं। और खानेवाले स्त्रियों और बालकों को छोड़कर, पाँच हज़ार पुरुषों के लगभग थे।