लूका 20:27-47
लूका 20:27-47 HINOVBSI
फिर सदूकी जो कहते हैं कि मरे हुओं का जी उठना है ही नहीं, उनमें से कुछ ने उसके पास आकर पूछा, “हे गुरु, मूसा ने हमारे लिये यह लिखा है : ‘यदि किसी का भाई अपनी पत्नी के रहते हुए बिना सन्तान मर जाए, तो उसका भाई उसकी पत्नी से विवाह कर ले, और अपने भाई के लिये वंश उत्पन्न करे।’ सात भाई थे, पहला भाई विवाह करके बिना सन्तान मर गया। फिर दूसरे, और तीसरे ने भी उस स्त्री से विवाह कर लिया। इसी रीति से सातों बिना सन्तान मर गए। अन्त में वह स्त्री भी मर गई। इसलिये जी उठने पर वह उनमें से किसकी पत्नी होगी, क्योंकि वह सातों की पत्नी हो चुकी थी।” यीशु ने उनसे कहा, “इस युग की सन्तानों में तो विवाह होता है, पर जो लोग इस योग्य ठहरेंगे कि उस युग को और मरे हुओं में से जी उठने को प्राप्त करें, वे न विवाह करेंगे और न विवाह में दिये जाएँगे। वे फिर मरने के भी नहीं; क्योंकि वे स्वर्गदूतों के समान होंगे, और पुनरुत्थान की सन्तान होने से परमेश्वर की भी सन्तान होंगे। परन्तु इस बात को कि मरे हुए जी उठते हैं, मूसा ने भी झाड़ी की कथा में प्रगट की है कि वह प्रभु को ‘अब्राहम का परमेश्वर, और इसहाक का परमेश्वर और याकूब का परमेश्वर’ कहता है। परमेश्वर तो मुरदों का नहीं परन्तु जीवतों का परमेश्वर है: क्योंकि उसके निकट सब जीवित हैं।” तब यह सुनकर शास्त्रियों में से कुछ ने यह कहा, “हे गुरु, तू ने अच्छा कहा।” और उन्हें फिर उससे कुछ और पूछने का हियाव न हुआ। फिर उसने उनसे पूछा, “मसीह को दाऊद की सन्तान कैसे कहते हैं? दाऊद आप भजन संहिता की पुस्तक में कहता है : ‘प्रभु ने मेरे प्रभु से कहा, मेरे दाहिने बैठ, जब तक कि मैं तेरे बैरियों को तेरे पाँवों के तले न कर दूँ।’ दाऊद तो उसे प्रभु कहता है; तो फिर वह उस की सन्तान कैसे ठहरा?” जब सब लोग सुन रहे थे, तो उसने अपने चेलों से कहा, “शास्त्रियों से चौकस रहो, जिनको लम्बे–लम्बे वस्त्र पहिने हुए फिरना अच्छा लगता है, और जिन्हें बाजारों में नमस्कार, और आराधनालयों में मुख्य आसन और भोज में मुख्य स्थान प्रिय लगते हैं। वे विधवाओं के घर खा जाते हैं, और दिखाने के लिये बड़ी देर तक प्रार्थना करते रहते हैं : ये बहुत ही दण्ड पाएँगे।”