विलापगीत 3:1-3
विलापगीत 3:1-3 HINOVBSI
उसके रोष की छड़ी से दु:ख भोगनेवाला पुरुष मैं ही हूँ; वह मुझे ले जाकर उजियाले में नहीं, अन्धियारे ही में चलाता है; उसका हाथ दिन भर मेरे ही विरुद्ध उठता रहता है।
उसके रोष की छड़ी से दु:ख भोगनेवाला पुरुष मैं ही हूँ; वह मुझे ले जाकर उजियाले में नहीं, अन्धियारे ही में चलाता है; उसका हाथ दिन भर मेरे ही विरुद्ध उठता रहता है।