YouVersion Logo
Search Icon

यहूदा 1

1
अभिवादन
1यहूदा की ओर से जो यीशु मसीह का दास और याकूब का भाई है,#मत्ती 13:55; मरकुस 6:3 उन बुलाए हुओं के नाम जो परमेश्‍वर पिता में प्रिय और यीशु मसीह के लिये सुरक्षित हैं।
2दया और शान्ति और प्रेम तुम्हें बहुतायत से प्राप्‍त होता रहे।
झूठे शिक्षक
3हे प्रियो, जब मैं तुम्हें उस उद्धार के विषय में लिखने में अत्यन्त परिश्रम से प्रयत्न कर रहा था जिसमें हम सब सहभागी हैं, तो मैं ने तुम्हें यह समझाना आवश्यक जाना कि उस विश्‍वास के लिये पूरा यत्न करो जो पवित्र लोगों को एक ही बार सौंपा गया था। 4क्योंकि कितने ऐसे मनुष्य चुपके से हम में आ मिले हैं, जिनके इस दण्ड का वर्णन पुराने समय में पहले ही से लिखा गया था : ये भक्‍तिहीन हैं, और हमारे परमेश्‍वर के अनुग्रह को लुचपन में बदल डालते हैं, और हमारे एकमात्र स्वामी और प्रभु यीशु मसीह का इन्कार करते हैं।
5पर यद्यपि तुम सब बात एक बार जान चुके हो, तौभी मैं तुम्हें इस बात की सुधि दिलाना चाहता हूँ कि प्रभु ने एक कुल को मिस्र देश से छुड़ाने#निर्ग 12:51 के बाद विश्‍वास न लानेवालों को नष्‍ट कर दिया।#गिन 14:29,30 6फिर जिन स्वर्गदूतों ने अपने पद को स्थिर न रखा वरन् अपने निज निवास को छोड़ दिया, उसने उनको भी उस भीषण दिन के न्याय के लिये अन्धकार में, जो सदा काल के लिये है, बन्धनों में रखा है। 7जिस रीति से सदोम और अमोरा और उनके आसपास के नगर, जो इन के समान व्यभिचारी हो गए थे और पराये शरीर के पीछे लग गए थे, आग के अनन्त दण्ड में पड़कर दृष्‍टान्त ठहरे हैं।#उत्प 19:1–24
8उसी रीति से ये स्वप्नदर्शी भी अपने–अपने शरीर को अशुद्ध करते, और प्रभुता को तुच्छ जानते हैं, और ऊँचे पदवालों को बुरा भला कहते हैं। 9परन्तु प्रधान स्वर्गदूत मीकाईल#दानि 10:13,21; 12:1; प्रका 12:7 ने, जब शैतान#9 यू० इब्लीस से मूसा के शव#व्य 34:6 के विषय में वाद–विवाद किया, तो उसको बुरा–भला कहके दोष लगाने का साहस न किया पर यह कहा, “प्रभु तुझे डाँटे।”#जक 3:2 10पर ये लोग जिन बातों को नहीं जानते उनको बुरा–भला कहते हैं, और जिन बातों को अचेतन पशुओं के समान स्वभाव ही से जानते हैं, उनमें अपने आप को नष्‍ट करते हैं। 11उन पर हाय! क्योंकि वे कैन की सी चाल चले,#उत्प 4:3–8 और मजदूरी के लिये बिलाम के समान भ्रष्‍ट हो गए हैं,#गिन 22:1–35 और कोरह के समान विरोध करके नष्‍ट हुए#गिन 16:1–35 हैं। 12ये तुम्हारी प्रेम सभाओं में तुम्हारे साथ खाते–पीते, समुद्र में छिपी हुई चट्टान सरीखे हैं, और बेधड़क अपना ही पेट भरनेवाले रखवाले हैं; वे निर्जल बादल हैं, जिन्हें हवा उड़ा ले जाती है; पतझड़ के निष्फल पेड़ हैं, जो दो बार मर चुके हैं, और जड़ से उखड़ गए हैं; 13ये समुद्र के प्रचण्ड हिलकोरे हैं, जो अपनी लज्जा का फेन उछालते हैं; ये डाँवाडोल तारे हैं, जिनके लिये सदा काल तक घोर अन्धकार रखा गया है।
14हनोक#उत्प 5:18,21–24 ने भी जो आदम से सातवीं पीढ़ी में था, इनके विषय में यह भविष्यद्वाणी की, “देखो, प्रभु अपने लाखों पवित्रों के साथ आया 15कि सबका न्याय करे, और सब भक्‍तिहीनों को उनके अभक्‍ति के सब कामों के विषय में जो उन्होंने भक्‍तिहीन होकर किए हैं, और उन सब कठोर बातों के विषय में जो भक्‍तिहीन पापियों ने उसके विरोध में कही हैं, दोषी ठहराए।” 16ये तो असंतुष्‍ट, कुड़कुड़ानेवाले, और अपनी अभिलाषाओं के अनुसार चलनेवाले हैं, और अपने मुँह से घमण्ड की बातें बोलते हैं, और वे लाभ के लिये मुँह देखी बड़ाई किया करते हैं।
चेतावनी और उपदेश
17पर हे प्रियो, तुम उन बातों को स्मरण रखो जो हमारे प्रभु यीशु मसीह के प्रेरित पहले ही कह चुके हैं। 18वे तुम से कहा करते थे, “पिछले दिनों में ऐसे ठट्ठा करनेवाले होंगे जो अपनी अभक्‍ति की अभिलाषाओं के अनुसार चलेंगे।”#2 पत 3:3 19ये वे हैं जो फूट डालते हैं; ये शारीरिक लोग हैं, जिनमें आत्मा नहीं। 20पर हे प्रियो, तुम अपने अति पवित्र विश्‍वास में उन्नति करते हुए और पवित्र आत्मा में प्रार्थना करते हुए, 21अपने आप को परमेश्‍वर के प्रेम में बनाए रखो; और अनन्त जीवन के लिये हमारे प्रभु यीशु मसीह की दया की बाट जोहते रहो। 22उन पर जो शंका में हैं दया करो; 23और बहुतों को आग में से झपटकर निकालो; और बहुतों पर भय के साथ दया करो, पर उस वस्त्र से भी घृणा करो जो शरीर के द्वारा कलंकित हो गया है।
आशीर्वचन
24अब जो तुम्हें ठोकर खाने से बचा सकता है, और अपनी महिमा की भरपूरी के सामने मगन और निर्दोष करके खड़ा कर सकता है, 25उस एकमात्र परमेश्‍वर हमारे उद्धारकर्ता की महिमा और गौरव और पराक्रम और अधिकार, हमारे प्रभु यीशु मसीह के द्वारा जैसा सनातन काल से है, अब भी हो और युगानुयुग रहे। आमीन।

Currently Selected:

यहूदा 1: HINOVBSI

Highlight

Share

Copy

None

Want to have your highlights saved across all your devices? Sign up or sign in