YouVersion Logo
Search Icon

यहोशू 1

1
यहोशू को परमेश्‍वर की आज्ञा
1यहोवा के दास मूसा की मृत्यु के बाद यहोवा ने उसके सेवक यहोशू से जो नून का पुत्र था कहा, 2“मेरा दास मूसा मर गया है; इसलिये अब तू उठ, कमर बाँध, और इस सारी प्रजा समेत यरदन पार होकर उस देश को जा जिसे मैं उनको अर्थात् इस्राएलियों को देता हूँ। 3उस वचन के अनुसार जो मैं ने मूसा से कहा, अर्थात् जिस जिस स्थान पर तुम पाँव धरोगे वह सब मैं तुम्हें दे देता हूँ। 4जंगल और उस लबानोन से लेकर परात महानद तक, और सूर्यास्त की ओर महासमुद्र तक हित्तियों का सारा देश तुम्हारा भाग ठहरेगा। 5तेरे जीवन भर कोई तेरे सामने ठहर न सकेगा;#व्य 11:12,25 जैसे मैं मूसा के संग रहा वैसे ही तेरे संग भी रहूँगा; और न तो मैं तुझे धोखा दूँगा, और न तुझ को छोड़ूँगा।#व्य 31:6,8; इब्रा 13:5 6इसलिये हियाव बाँधकर दृढ़ हो जा; क्योंकि जिस देश के देने की शपथ मैं ने इन लोगों के पूर्वजों से खाई थी उसका अधिकारी तू इन्हें करेगा।#व्य 31:6,7,23 7इतना हो कि तू हियाव बाँधकर और बहुत दृढ़ होकर जो व्यवस्था मेरे दास मूसा ने तुझे दी है उन सब के अनुसार करने में चौकसी करना; और उस से न तो दाहिने मुड़ना और न बाएँ, तब जहाँ जहाँ तू जाएगा वहाँ वहाँ तेरा काम सफल होगा। 8व्यवस्था की यह पुस्तक तेरे चित्त से कभी न उतरने पाए,#1:8 मूल में, पुस्तक तेरे मुँह से न हटे इसी में दिन रात ध्यान दिए रहना, इसलिये कि जो कुछ उस में लिखा है उसके अनुसार करने की तू चौकसी करे; क्योंकि ऐसा ही करने से तेरे सब काम सफल होंगे, और तू प्रभावशाली होगा। 9क्या मैं ने तुझे आज्ञा नहीं दी? हियाव बाँधकर दृढ़ हो जा; भय न खा, और तेरा मन कच्‍चा न हो; क्योंकि जहाँ जहाँ तू जाएगा वहाँ वहाँ तेरा परमेश्‍वर यहोवा तेरे संग रहेगा।”
यहोशू का लोगों को आदेश देना
10तब यहोशू ने प्रजा के सरदारों को यह आज्ञा दी, 11“छावनी में इधर उधर जाकर प्रजा के लोगों को यह आज्ञा दो, कि अपने अपने लिये भोजन तैयार कर रखो; क्योंकि तीन दिन के भीतर तुम को इस यरदन के पार उतरकर उस देश को अपने अधिकार में लेने के लिये जाना है जिसे तुम्हारा परमेश्‍वर यहोवा तुम्हारे अधिकार में देनेवाला है।”
12फिर यहोशू ने रूबेनियों, गादियों, और मनश्शे के आधे गोत्र के लोगों से कहा, 13“जो बात यहोवा के दास मूसा ने तुम से कही थी कि तुम्हारा परमेश्‍वर यहोवा तुम्हें विश्राम देता है, और यही देश तुम्हें देगा, उसकी सुधि करो। 14तुम्हारी स्त्रियाँ, बाल–बच्‍चे, और पशु तो इस देश में रहें जो मूसा ने तुम्हें यरदन के इसी पार दिया, परन्तु तुम जो शूरवीर हो पाँति बाँधे हुए अपने भाइयों के आगे आगे पार उतर चलो, और उनकी सहायता करो; 15और जब यहोवा उनको ऐसा विश्राम देगा जैसा वह तुम्हें दे चुका है, और वे भी तुम्हारे परमेश्‍वर यहोवा के दिए हुए देश के अधिकारी हो जाएँगे; तब तुम अपने अधिकार के देश में, जो यहोवा के दास मूसा ने यरदन के इस पार सूर्योदय की ओर तुम्हें दिया है, लौटकर इसके अधिकारी होगे।”#गिन 32:28; व्य 3:18–20; यहो 22:1–6 16तब उन्होंने यहोशू को उत्तर दिया, “जो कुछ तू ने हमें करने की आज्ञा दी है वह हम करेंगे, और जहाँ कहीं तू हमें भेजे वहाँ हम जाएँगे। 17जैसे हम सब बातों में मूसा की मानते थे वैसे ही तेरी भी माना करेंगे; इतना हो कि तेरा परमेश्‍वर यहोवा जैसा मूसा के संग रहता था वैसा ही तेरे संग भी रहे। 18कोई क्यों न हो जो तेरे विरुद्ध बलवा करे, और जितनी आज्ञाएँ तू दे उनको न माने, तो वह मार डाला जाएगा। परन्तु तू दृढ़ और हियाव बाँधे रह।”

Currently Selected:

यहोशू 1: HINOVBSI

Highlight

Share

Copy

None

Want to have your highlights saved across all your devices? Sign up or sign in