यिर्मयाह 36:27-32
यिर्मयाह 36:27-32 HINOVBSI
जब राजा ने उन वचनों की पुस्तक को जो बारूक ने यिर्मयाह के मुख से सुन सुनकर लिखी थी, जला दिया, तब यहोवा का यह वचन यिर्मयाह के पास पहुँचा : “फिर एक और पुस्तक लेकर उसमें यहूदा के राजा यहोयाकीम की जलाई हुई पहली पुस्तक के सब वचन लिख दे। और यहूदा के राजा यहोयाकीम के विषय में कह, ‘यहोवा यों कहता है : तू ने उस पुस्तक को यह कहकर जला दिया है कि तू ने उसमें यह क्यों लिखा है कि बेबीलोन का राजा निश्चय आकर इस देश का नाश करेगा, और उसमें न तो मनुष्य को छोड़ेगा और न पशु को। इसलिये यहोवा यहूदा के राजा यहोयाकीम के विषय में यों कहता है : उसका कोई दाऊद की गद्दी पर विराजमान न रहेगा; और उसका शव ऐसा फेंक दिया जाएगा कि दिन को धूप में और रात को पाले में पड़ा रहेगा। मैं उसको और उसके वंश और कर्मचारियों को उनके अधर्म का दण्ड दूँगा; और जितनी विपत्ति मैं ने उन पर और यरूशलेम के निवासियों और यहूदा के सब लोगों पर डालने को कहा है, और जिसको उन्होंने सच नहीं माना, उन सब को मैं उन पर डालूँगा।’ ” तब यिर्मयाह ने दूसरी पुस्तक लेकर नेरिय्याह के पुत्र बारूक लेखक को दी, और जो पुस्तक यहूदा के राजा यहोयाकीम ने आग में जला दी थी, उसमें के सब वचनों को बारूक ने यिर्मयाह के मुख से सुन सुनकर उसमें लिख दिए; और उन वचनों में उनके समान और भी बहुत सी बातें बढ़ा दी गईं।