YouVersion Logo
Search Icon

उत्पत्ति 45:3-11

उत्पत्ति 45:3-11 HINOVBSI

तब यूसुफ अपने भाइयों से कहने लगा, “मैं यूसुफ हूँ, क्या मेरा पिता अब तक जीवित है?” इसका उत्तर उसके भाई न दे सके; क्योंकि वे उसके सामने घबरा गए थे। फिर यूसुफ ने अपने भाइयों से कहा,* “मेरे निकट आओ।” यह सुनकर वे निकट गए। फिर उसने कहा, “मैं तुम्हारा भाई यूसुफ हूँ, जिसको तुम ने मिस्र आने वालों के हाथ बेच डाला था। अब तुम लोग मत पछताओ, और तुम ने जो मुझे यहाँ बेच डाला, इससे उदास मत हो; क्योंकि परमेश्‍वर ने तुम्हारे प्राणों को बचाने के लिये मुझे तुम्हारे आगे भेज दिया है। क्योंकि अब दो वर्ष से इस देश में अकाल है; और अब पाँच वर्ष और ऐसे ही होंगे कि उनमें न तो हल चलेगा और न अन्न काटा जाएगा। इसलिये परमेश्‍वर ने मुझे तुम्हारे आगे इसी लिये भेजा कि तुम पृथ्वी पर जीवित रहो, और तुम्हारे प्राणों के बचने से तुम्हारा वंश बढ़े। इस रीति अब मुझ को यहाँ पर भेजनेवाले तुम नहीं, परमेश्‍वर ही ठहरा; और उसी ने मुझे फ़िरौन का पिता सा, और उसके सारे घर का स्वामी, और सारे मिस्र देश का प्रभु ठहरा दिया है। अत: शीघ्र मेरे पिता के पास जाकर कहो, ‘तेरा पुत्र यूसुफ यह कहता है कि परमेश्‍वर ने मुझे सारे मिस्र का स्वामी ठहराया है; इसलिये तू मेरे पास बिना विलम्ब किए चला आ। तेरा निवास गोशेन देश में होगा, और तू बेटे, पोतों, भेड़–बकरियों, गाय–बैलों, और अपने सब कुछ समेत मेरे निकट रहेगा। और अकाल के जो पाँच वर्ष और होंगे, उनमें मैं वहीं तेरा पालन–पोषण करूँगा; ऐसा न हो कि तू और तेरा घराना, वरन् जितने तेरे हैं, वे भूखों मरें।’