YouVersion Logo
Search Icon

निर्गमन 31

31
निवास–स्थान के लिए कारीगर
(निर्ग 35:30—36:1)
1फिर यहोवा ने मूसा से कहा, 2“सुन, मैं ऊरी के पुत्र बसलेल को, जो हूर का पोता और यहूदा के गोत्र का है, नाम लेकर बुलाता हूँ। 3और मैं उसको परमेश्‍वर के आत्मा से जो बुद्धि, प्रवीणता, ज्ञान, और सब प्रकार के कार्यों की समझ देनेवाला आत्मा है, परिपूर्ण करता हूँ, 4जिससे वह कारीगरी के कार्य बुद्धि से निकाल निकालकर सब भाँति की बनावट में, अर्थात् सोने, चाँदी, और पीतल में, 5और जड़ने के लिये मणि काटने में, और लकड़ी पर नक्‍काशी का काम करे। 6और सुन, मैं दान के गोत्रवाले अहीसामाक के पुत्र ओहोलीआब को उसके संग कर देता हूँ; वरन् जितने बुद्धिमान हैं उन सभों के हृदय में मैं बुद्धि देता हूँ, जिससे जितनी वस्तुओं की आज्ञा मैं ने तुझे दी है उन सभों को वे बनाएँ; 7अर्थात् मिलापवाला तम्बू, और साक्षीपत्र का सन्दूक और उस पर का प्रायश्‍चित्तवाला ढकना और तम्बू का सारा सामान, 8और सामान सहित मेज, और सारे सामान समेत चोखे सोने की दीवट, और धूपवेदी, 9और सारे सामान सहित होमवेदी, और पाए समेत हौदी, 10और काढ़े हुए वस्त्र, और हारून याजक के याजकवाले काम के पवित्र वस्त्र, और उसके पुत्रों के वस्त्र, 11और अभिषेक का तेल, और पवित्रस्थान के लिये सुगन्धित धूप, इन सभों को वे उन सब आज्ञाओं के अनुसार बनाएँ जो मैं ने तुझे दी हैं।”
सब्त अर्थात् विश्रामदिन
12फिर यहोवा ने मूसा से कहा, 13“तू इस्राएलियों से यह भी कहना, ‘निश्‍चय तुम मेरे विश्रामदिनों को मानना, क्योंकि तुम्हारी पीढ़ी पीढ़ी में मेरे और तुम लोगों के बीच यह एक चिह्न ठहरा है, जिससे तुम यह बात जान रखो कि यहोवा हमारा पवित्र करनेहारा है। 14इस कारण तुम विश्रामदिन को मानना, क्योंकि वह तुम्हारे लिये पवित्र ठहरा है; जो उसको अपवित्र करे वह निश्‍चय मार डाला जाए : जो कोई उस दिन में कुछ काम–काज करे वह प्राणी अपने लोगों के बीच से नष्‍ट किया जाए। 15छ: दिन तो काम–काज किया जाए, पर सातवाँ दिन परमविश्राम का दिन और यहोवा के लिये पवित्र है; इसलिये जो कोई विश्राम के दिन में कुछ काम–काज करे वह निश्‍चय मार डाला जाए।#निर्ग 20:8–11; 23:12; 34:21; 35:2; लैव्य 23:3; व्य 5:12–14 16इसलिये इस्राएली विश्रामदिन को माना करें, वरन् पीढ़ी पीढ़ी में उसको सदा की वाचा का विषय जानकर माना करें। 17वह मेरे और इस्राएलियों के बीच सदा एक चिह्न रहेगा, क्योंकि छ: दिन में यहोवा ने आकाश और पृथ्वी को बनाया, और सातवें दिन विश्राम करके अपना जी ठण्डा किया’।”#निर्ग 20:11
18जब परमेश्‍वर मूसा से सीनै पर्वत पर ऐसी बातें कर चुका, तब उसने उसको अपनी उंगली से लिखी हुई साक्षी देनेवाली पत्थर की दोनों तख़्तियाँ दीं।

Highlight

Share

Copy

None

Want to have your highlights saved across all your devices? Sign up or sign in