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निर्गमन 3:1-10

निर्गमन 3:1-10 HINOVBSI

मूसा अपने ससुर यित्रो नामक मिद्यान के याजक की भेड़–बकरियों को चराता था; और वह उन्हें जंगल की पश्‍चिमी ओर होरेब नामक परमेश्‍वर के पर्वत के पास ले गया। और परमेश्‍वर के दूत ने एक कटीली झाड़ी के बीच आग की लौ में उसको दर्शन दिया; और उसने दृष्‍टि उठाकर देखा कि झाड़ी जल रही है, पर भस्म नहीं होती। तब मूसा ने कहा, “मैं उधर जाकर इस बड़े आश्‍चर्य को देखूँगा कि वह झाड़ी क्यों नहीं जल जाती।” जब यहोवा ने देखा कि मूसा देखने को मुड़ा चला आता है, तब परमेश्‍वर ने झाड़ी के बीच से उसको पुकारा, “हे मूसा, हे मूसा!” मूसा ने कहा, “क्या आज्ञा।” उसने कहा, “इधर पास मत आ; और अपने पाँवों से जूतियों को उतार दे, क्योंकि जिस स्थान पर तू खड़ा है वह पवित्र भूमि है।” फिर उसने कहा, “मैं तेरे पिता का परमेश्‍वर, और अब्राहम का परमेश्‍वर, इसहाक का परमेश्‍वर, और याक़ूब का परमेश्‍वर हूँ।” तब मूसा ने जो परमेश्‍वर की ओर देखने से डरता था, अपना मुँह ढाँप लिया। फिर यहोवा ने कहा, “मैं ने अपनी प्रजा के लोग जो मिस्र में हैं, उनके दु:ख को निश्‍चय देखा है; और उनकी जो चिल्‍लाहट परिश्रम करानेवालों के कारण होती है उसको भी मैं ने सुना है, और उनकी पीड़ा पर मैं ने चित्त लगाया है; इसलिये अब मैं उतर आया हूँ कि उन्हें मिस्रियों के वश से छुड़ाऊँ, और उस देश से निकालकर एक अच्छे और बड़े देश में, जिसमें दूध और मधु की धाराएँ बहती हैं, अर्थात् कनानी, हित्ती, एमोरी, परिज्जी, हिब्बी, और यबूसी लोगों के स्थान में पहुँचाऊँ। इसलिये अब सुन, इस्राएलियों की चिल्‍लाहट मुझे सुनाई पड़ी है, और मिस्रियों का उन पर अन्धेर करना भी मुझे दिखाई पड़ा है। इसलिये आ, मैं तुझे फ़िरौन के पास भेजता हूँ कि तू मेरी इस्राएली प्रजा को मिस्र से निकाल ले आए।”