निर्गमन 1:6-14
निर्गमन 1:6-14 HINOVBSI
यूसुफ और उसके सब भाई और उस पीढ़ी के सब लोग मर मिटे। परन्तु इस्राएल की सन्तान फूलने–फलने लगी; और वे लोग अत्यन्त सामर्थी बनते चले गए, और इतना अधिक बढ़ गए कि सारा देश उनसे भर गया। मिस्र में एक नया राजा गद्दी पर बैठा जो यूसुफ को नहीं जानता था। उसने अपनी प्रजा से कहा, “देखो, इस्राएली हम से गिनती और सामर्थ्य में अधिक बढ़ गए हैं। इसलिये आओ, हम उनके साथ बुद्धिमानी से बर्ताव करें, कहीं ऐसा न हो कि जब वे बहुत बढ़ जाएँ और यदि संग्राम का समय आ पड़े, तो हमारे बैरियों से मिलकर हम से लड़ें और इस देश से निकल जाएँ।” इसलिये उन्होंने उन पर बेगारी करानेवालों को नियुक्त किया कि वे उन पर भार डाल–डालकर उनको दु:ख दिया करें; और उन्होंने फ़िरौन के लिये पितोम और रामसेस नामक भण्डारवाले नगरों को बनाया। पर ज्यों ज्यों वे उनको दु:ख देते गए, त्यों त्यों वे बढ़ते और फैलते चले गए; इसलिये वे इस्राएलियों से अत्यन्त डर गए। तौभी मिस्रियों ने इस्राएलियों से कठोरता के साथ सेवा करवाई, और उनके जीवन को गारे, ईंट और खेती के भाँति–भाँति के काम की कठिन सेवा से दु:खी कर डाला; जिस किसी काम में वे उनसे सेवा करवाते थे उसमें वे कठोरता का व्यवहार करते थे।