YouVersion Logo
Search Icon

इफिसियों 4:2-15

इफिसियों 4:2-15 HINOVBSI

अर्थात् सारी दीनता और नम्रता सहित, और धीरज धरकर प्रेम से एक दूसरे की सह लो; और मेल के बन्धन में आत्मा की एकता रखने का यत्न करो। एक ही देह है, और एक ही आत्मा; जैसे तुम्हें जो बुलाए गए थे अपने बुलाए जाने से एक ही आशा है। एक ही प्रभु है, एक ही विश्‍वास, एक ही बपतिस्मा, और सब का एक ही परमेश्‍वर और पिता है, जो सब के ऊपर और सब के मध्य में और सब में है। पर हम में से हर एक को मसीह के दान के परिमाण के अनुसार अनुग्रह मिला है। इसलिये वह कहता है : “वह ऊँचे पर चढ़ा और बन्दियों को बाँध ले गया, और मनुष्यों को दान दिए।” (उसके चढ़ने से, और क्या पाया जाता है केवल यह कि वह पृथ्वी की निचली जगहों में उतरा भी था। और जो उतर गया यह वही है जो सारे आकाश से ऊपर चढ़ भी गया कि सब कुछ परिपूर्ण करे)। उसने कुछ को प्रेरित नियुक्‍त करके, और कुछ को भविष्यद्वक्‍ता नियुक्‍त करके, और कुछ को सुसमाचार सुनानेवाले नियुक्‍त करके, और कुछ को रखवाले और उपदेशक नियुक्‍त करके दे दिया, जिस से पवित्र लोग सिद्ध हो जाएँ और सेवा का काम किया जाए और मसीह की देह उन्नति पाए, जब तक कि हम सब के सब विश्‍वास और परमेश्‍वर के पुत्र की पहिचान में एक न हो जाएँ, और एक सिद्ध मनुष्य न बन जाएँ और मसीह के पूरे डील–डौल तक न बढ़ जाएँ। ताकि हम आगे को बालक न रहें जो मनुष्यों की ठग–विद्या और चतुराई से, उन के भ्रम की युक्‍तियों के और उपदेश के हर एक झोंके से उछाले और इधर–उधर घुमाए जाते हों। वरन् प्रेम में सच्‍चाई से चलते हुए सब बातों में उसमें जो सिर है, अर्थात् मसीह में बढ़ते जाएँ