YouVersion Logo
Search Icon

सभोपदेशक 1:12-18

सभोपदेशक 1:12-18 HINOVBSI

मैं उपदेशक यरूशलेम में इस्राएल का राजा था। मैं ने अपना मन लगाया कि जो कुछ सूर्य के नीचे किया जाता है, उसका भेद बुद्धि से सोच सोचकर मालूम करूँ; यह बड़े दु:ख का काम है जो परमेश्‍वर ने मनुष्यों के लिये ठहराया है कि वे उस में लगें। मैं ने उन सब कामों को देखा जो सूर्य के नीचे किए जाते हैं; देखो, वे सब व्यर्थ और मानो वायु को पकड़ना है। जो टेढ़ा है वह सीधा नहीं हो सकता, और जो है ही नहीं, वह गिना नहीं जा सकता। मैं ने मन में कहा, “देख, जितने यरूशलेम में मुझ से पहले थे, उन सभों से मैं ने बहुत अधिक बुद्धि प्राप्‍त की है; और मुझ को बहुत बुद्धि और ज्ञान मिल गया है।” मैं ने अपना मन लगाया कि बुद्धि का भेद लूँ और बावलेपन और मूर्खता को भी जान लूँ। मुझे जान पड़ा कि यह भी वायु को पकड़ना है। क्योंकि बहुत बुद्धि के साथ बहुत खेद भी होता है, और जो अपना ज्ञान बढ़ाता है वह अपना दु:ख भी बढ़ाता है।

Free Reading Plans and Devotionals related to सभोपदेशक 1:12-18