प्रेरितों 16:16-26
प्रेरितों 16:16-26 HINOVBSI
जब हम प्रार्थना करने की जगह जा रहे थे, तो हमें एक दासी मिली जिसमें भावी कहनेवाली आत्मा थी; और भावी कहने से अपने स्वामियों के लिये बहुत कुछ कमा लाती थी। वह पौलुस के और हमारे पीछे आकर चिल्लाने लगी, “ये मनुष्य परमप्रधान परमेश्वर के दास हैं, जो हमें उद्धार के मार्ग की कथा सुनाते हैं।” वह बहुत दिन तक ऐसा ही करती रही; परन्तु पौलुस दु:खी हुआ, और मुड़कर उस आत्मा से कहा, “मैं तुझे यीशु मसीह के नाम से आज्ञा देता हूँ कि उसमें से निकल जा।” और वह उसी घड़ी निकल गई। जब उसके स्वामियों ने देखा कि हमारी कमाई की आशा जाती रही, तो पौलुस और सीलास को पकड़ के चौक में प्रधानों के पास खींच ले गए; और उन्हें फौजदारी के हाकिमों के पास ले गए और कहा, “ये लोग जो यहूदी हैं, हमारे नगर में बड़ी हलचल मचा रहे हैं; और ऐसी रीतियाँ बता रहे हैं, जिन्हें ग्रहण करना या मानना हम रोमियों के लिये ठीक नहीं।” तब भीड़ के लोग उनके विरोध में इकट्ठे होकर चढ़ आए, और हाकिमों ने उनके कपड़े फाड़कर उतार डाले, और उन्हें बेंत मारने की आज्ञा दी। बहुत बेंत लगवाकर उन्होंने उन्हें बन्दीगृह में डाल दिया और दारोगा को आज्ञा दी कि उन्हें चौकसी से रखे। उसने ऐसी आज्ञा पाकर उन्हें भीतर की कोठरी में रखा और उनके पाँव काठ में ठोंक दिए। आधी रात के लगभग पौलुस और सीलास प्रार्थना करते हुए परमेश्वर के भजन गा रहे थे, और क़ैदी उनकी सुन रहे थे। इतने में एकाएक बड़ा भूकम्प आया, यहाँ तक कि बन्दीगृह की नींव हिल गई, और तुरन्त सब द्वार खुल गए; और सब के बन्धन खुल पड़े।