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2 कुरिन्थियों 5:12-21

2 कुरिन्थियों 5:12-21 HINOVBSI

हम फिर भी अपनी बड़ाई तुम्हारे सामने नहीं करते, वरन् हम अपने विषय में तुम्हें घमण्ड करने का अवसर देते हैं कि तुम उन्हें उत्तर दे सको, जो मन पर नहीं वरन् दिखावटी बातों पर घमण्ड करते हैं। यदि हम बेसुध हैं तो परमेश्‍वर के लिये, और यदि चैतन्य हैं तो तुम्हारे लिये हैं। क्योंकि मसीह का प्रेम हमें विवश कर देता है; इसलिये कि हम यह समझते हैं कि जब एक सब के लिये मरा तो सब मर गए। और वह इस निमित्त सब के लिये मरा कि जो जीवित हैं, वे आगे को अपने लिये न जीएँ परन्तु उसके लिये जो उनके लिये मरा और फिर जी उठा। अत: अब से हम किसी को शरीर के अनुसार न समझेंगे। यद्यपि हम ने मसीह को भी शरीर के अनुसार जाना था, तौभी अब से उसको ऐसा नहीं जानेंगे। इसलिये यदि कोई मसीह में है तो वह नई सृष्‍टि है : पुरानी बातें बीत गई हैं; देखो, सब बातें नई हो गई हैं। ये सब बातें परमेश्‍वर की ओर से हैं, जिसने मसीह के द्वारा अपने साथ हमारा मेलमिलाप कर लिया, और मेलमिलाप की सेवा हमें सौंप दी है। अर्थात् परमेश्‍वर ने मसीह में होकर अपने साथ संसार का मेलमिलाप कर लिया, और उनके अपराधों का दोष उन पर नहीं लगाया, और उस ने मेलमिलाप का वचन हमें सौंप दिया है। इसलिये, हम मसीह के राजदूत हैं; मानो परमेश्‍वर हमारे द्वारा विनती कर रहा है। हम मसीह की ओर से निवेदन करते हैं कि परमेश्‍वर के साथ मेलमिलाप कर लो। जो पाप से अज्ञात था, उसी को उसने हमारे लिये पाप ठहराया कि हम उसमें होकर परमेश्‍वर की धार्मिकता बन जाएँ।