YouVersion Logo
Search Icon

भजन संहिता 131:2

भजन संहिता 131:2 HINCLBSI

किन्‍तु मैंने अपनी अभिलाषाओं को स्‍थिर और शान्‍त किया है; मां की गोद में दूध पीकर शान्‍त लेटे हुए शिशु के सदृश, शान्‍त शिशु के सदृश मेरा प्राण मुझमें शान्‍त है!