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यिर्मयाह 17:7-8

यिर्मयाह 17:7-8 HINCLBSI

‘धन्‍य है वह मनुष्‍य, जो प्रभु पर भरोसा करता है; जिसका भरोसा ही प्रभु है। वह मानो कल-कल करते झरने के तट पर रोपा गया वृक्ष है; जिसकी जड़ें गहरे पानी में होती हैं। जब दोपहर के सूरज की प्रखर किरणें उस पर पड़ती हैं, तब वह उनकी गर्मी से नहीं मुरझाता; उसके पत्ते सदा हरे बने रहते हैं। वर्षा न होने पर भी उनको चिन्‍ता नहीं होती, क्‍योंकि वह सूखा पड़ने पर भी फलता है।