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2 शमूएल 12:7-14

2 शमूएल 12:7-14 HINCLBSI

नातान ने दाऊद से कहा, ‘महाराज, आप ही वह धनी मनुष्‍य हैं। इस्राएल का प्रभु परमेश्‍वर यों कहता है, “मैंने तुझे इस्राएल देश का राजा अभिषिक्‍त किया। मैंने तुझे शाऊल के हाथ से मुक्‍त किया। मैंने तुझे तेरे स्‍वामी का राजभवन दिया। तेरी गोद में तेरे स्‍वामी की पत्‍नियाँ डालीं। मैंने तुझे इस्राएल और यहूदा प्रदेश की समस्‍त प्रजा दी। यदि यह कम था तो मैं तुझे और देता। पर तूने मुझ-प्रभु के वचन का तिरस्‍कार क्‍यों किया? जो कार्य मेरी दृष्‍टि में बुरा है, उसको तूने क्‍यों किया? तूने तलवार से ऊरियाह हित्ती की हत्‍या करवा दी, और उसकी पत्‍नी को छीनकर अपनी पत्‍नी बना लिया। तूने अम्‍मोनी सैनिकों की तलवार से ऊरियाह का वध कर दिया। तेरे इस कार्य के फलस्‍वरूप अब तलवार तेरे परिवार से कभी दूर न होगी। तूने मेरा तिरस्‍कार किया, और ऊरियाह हित्ती की पत्‍नी को छीनकर उसे अपनी पत्‍नी बनाया।” प्रभु यों कहता है, “मैं तेरे ही परिवार से तेरे विरुद्ध बुराई उत्‍पन्न करूँगा। मैं तेरी आँखों के सामने तेरी पत्‍नियाँ तेरे जाति-भाई को दे दूँगा। वह सूरज के प्रकाश में खुले-आम तेरी पत्‍नियों के साथ सहवास करेगा। तूने यह कुकर्म छिपकर किया। परन्‍तु मैं समस्‍त इस्राएली समाज के सम्‍मुख, सूरज के प्रकाश में यह कार्य करवाऊंगा।” ’ दाऊद ने नातान से कहा, ‘मैंने प्रभु के विरुद्ध पाप किया।’ नातान ने दाऊद को उत्तर दिया, ‘प्रभु ने भी आपके पाप को क्षमा किया। अब आप पाप के कारण नहीं मरेंगे। किन्‍तु आपने इस कार्य के द्वारा प्रभु का घोर अपमान किया है। इसलिए जो पुत्र आपको उत्‍पन्न हुआ है, वह अवश्‍य ही मर जाएगा।’