सूक्ति संग्रह 31:25-26
सूक्ति संग्रह 31:25-26 HSS
वह शक्ति और सम्मान धारण किए हुए है; भविष्य की आशा में उसका उल्लास है. उसके मुख से विद्वत्तापूर्ण वचन ही बोले जाते हैं, उसके वचन कृपा-प्रेरित होते हैं.
वह शक्ति और सम्मान धारण किए हुए है; भविष्य की आशा में उसका उल्लास है. उसके मुख से विद्वत्तापूर्ण वचन ही बोले जाते हैं, उसके वचन कृपा-प्रेरित होते हैं.