जब ईसु एक सहर मैं रहै, तौ हुँआँ कोढ़ से भरो भौ एक आदमी आओ, और बौ ईसु कै देखकै मोहों के बल गिरो, और नहोरे करी, “प्रभु अगर तैं चाहबै तौ मोकै सुद्ध कर सकथै!”
ईसु हाथ बढ़ायकै बाकै छुइ और कही, “मैं चाहथौं, तैं कोहोढ़ से सुद्ध हुई जा।” और एक बार मैं बिमारी बौ आदमी कै छोड़ दई।