तुम मैं से कौन है कि गुम्मट बनानो चहात होबै, और अग्गु बैठकै खर्च नाय जोड़ै, कि पूरो करन कि हिम्मत मेरे झोने है कि नाय? कहीं ऐसो ना होबै, कि नीव चट्टान के ऊपर डारकै तैयार नाय कर सकै, तौ सब देखन बारे जो भौ है बाको मजाक बनांगे। बे कहमंगे, ‘जौ आदमी बनान तौ लगो, लेकिन बनाये ना पाई।’