उहेसिहिरे तोहोलेक चनाखो भेहिन् बसह। किसाबुने घरक् उ मालिक कख्नि फर्किबानाइ आइस्, बाजिहिन् तोहोराखर्ह्वालाइ थाहा नाँभेहार। उ ता बियार पखै, आधारातै, भाल्या डक्रबाक्टाकै अथबा बिहानिहि झिसमिस्याइ, जख्नुहुँ भेटौ आबा पारैस्। आउँ घरक् मालिक अपरझट आइपुग्लटाकै ओहिं तोहोराखर्ह्वालाइ सुतिहिन् रैल्ह बुन् भेंटाउस्। जेहे मुँइ तोहोराखर्ह्वालाइ बोल्लो धर्मेहेंर्ला, उ मुँइ जम्माहिंलाइ बोलोम्ना, चनाखो भेहिन् बसह!”