कौवालकलाइ दिठाहिन् बिचार करह! उखर्ह्वाइ ना ता खेति करट्थ्ला, ना बालि काट्थ्ला। उखर्ह्वाक् धन्सारौ नाभेथ्, भाखारिऔ नाभेथ्, भेटौसुधा परमेस्वरे उखर्ह्वालाइ खुवालय धरेट्थ्ला। तोहोराखर्हा ता परमेस्वरक् नजरमा उ चरै-चुर्गुनिलकेसौ एक्दमे धेरे मोलक् रहला।