वसोच परकार लक तुम्हिला अबा सोक से पर मि तुमी लक मँग मिलहु अना तुमरो मन खुसहाली लक भर जाहे। अना तुमरो खुसहाली कोनी तुम लक नही हिसक सकेत।”
वोना दिवस तुम्हि लोक मोला काही नही पुसने, मि तुमरो लक खरो-खर सांगासू, “अदी मोरो नाव लक तुम्हि बाबूजी लक काही माँगने, ता उ मोरो नाव लक तुम्हिला देहेत।