नियाव के गुरू मनसे लग चेतन्त रइहा, उनके लम्बा-लम्बा खुरथा पइजामा ओढ के फिरै के निक्खा लगथै, ऊ बाजार हे मनसेन लग नमस्ते लेत फिरत हबै, उनके सभा सम्मेलन हे आगू के जिघा अउ दावत हे निक्खा जिघा पसंद करथै। ऊ बिधवन कर घर लूट लेथै अउ दिखामै के निता लम्बा चवडा बिनती करथै, उनही बोहत लग सजा मिलही।