जे घनी ओ सवांगीन हर सोंचीस, कि अब मंए लुकाए बर नई सकों, त ओहर कांपत आईस, अऊ ईसू कर गोड़े गिर के, सब कर आगू में बताईस, कि काबर ओहर ईसू ला छुईस, अऊ कईसे तुरतेंच चंगा होए गईस। तेकर ईसू हर ओके ला कहीस, “बेटी, तोर बिस्वास हर तोके ठीक करीस हवे, तंए सुघरे सुघर चएल जा।”