अगर बाज़ डालियां काट डाली गईं, और तुम, जंगली ज़ैतून होते हुए भी उन की जगह पैवन्द हो गये तो तुम भी ज़ैतून के दरख़्त की जड़ में हिस्सेदार होगे जो क़ुव्वत बख़्श रोग़न से भरी हुई है, उन बुरीदा डालियों को हक़ीर जान कर अपने आप पर फ़ख़्र न करो। अगर फ़ख़्र करेगा तो याद रहे के तो जड़ को नहीं बल्के जड़ तुझे संभाले हुए है।