जो सिक्का महसूल के तौर पर देते हो उसे मुझे दिखाओ।” वह एक दीनार ले आये। हुज़ूर ने उन से पूछा, “इस दीनार पर किस की सूरत और किस का नाम लिख्खा हुआ है?”
उन्होंने जवाब दिया, “क़ैसर का।”
तब हुज़ूर ने उन से फ़रमाया, “जो क़ैसर का है वह क़ैसर को और जो ख़ुदा का है, वह ख़ुदा को अदा करो।”