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यूहन्ना 11:25-26
उर्दू हमअस्र तरजुमा
हुज़ूर ईसा ने उस से फ़रमाया, “क़ियामत और ज़िन्दगी मैं ही हूं। जो कोई मुझ पर ईमान रखता है वह मरने के बाद भी ज़िन्दा रहेगा और जो कोई ज़िन्दा है और मुझ पर ईमान लाता है कभी न मरेगा। क्या तू इस पर ईमान रखती है?”
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यूहन्ना 11:40
इस पर हुज़ूर ईसा ने फ़रमाया, “क्या मैंने नहीं कहा था के अगर तेरा ईमान होगा तो तू ख़ुदा का जलाल देखेगी?”
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यूहन्ना 11:35
हुज़ूर ईसा की आंखों में आंसुओं भर आये।
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यूहन्ना 11:4
जब हुज़ूर ईसा ने ये सुना तो फ़रमाया, “ये बीमारी मौत के लिये नहीं बल्के ख़ुदा का जलाल ज़ाहिर करने के लिये है ताके इस के ज़रीये ख़ुदा के बेटे का जलाल भी ज़ाहिर हो जाये।”
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यूहन्ना 11:43-44
ये कहने के बाद हुज़ूर ईसा ने बुलन्द आवाज़ से पुकारा, “लाज़र बाहर निकल आ!” और वह मुर्दा लाज़र निकल आया, उस के हाथ और पांव कफ़न से बंधे हुए थे और चेहरा पर एक रूमाल लिपटा हुआ था। हुज़ूर ईसा ने उन से फ़रमाया, “इस के कफ़न को खोल दो और लाज़र को जाने दो।”
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यूहन्ना 11:38
हुज़ूर ईसा ग़मगीन दिल के साथ क़ब्र पर आये। ये एक ग़ार था जिस के मुंह पर एक पत्थर रखा हुआ था।
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यूहन्ना 11:11
जब वह ये बातें कह चुके तो शागिर्दों से कहने लगे, “हमारा दोस्त लाज़र सो गया है लेकिन में उसे जगाने जा रहा हूं।”
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