तअ ऐक-दंम गऐंणी शो ऐक बड़ो ढोंढ फिरो, अरह् बैजाऐ बड़ी गुड़ाक धोमँराल़ जेऐ शुँणाँई पड़ी; अरह् बादो घरह् जेथै से बादे झुणें बंईठै अँदे थिऐ, सेजो घरह् झीकों अरह् रंणकावो। तिनके ऐक आगी का जिया घीयाँना देखाई पड़ा, जिन्दें शी जींभों जेऐ नींक्ल़ियों तिनू सोभी आदमी के मुँढों गाशी आऐयों ठहरी गंई। सेजे बादे लोग पबित्र-आत्त्मा शे भरे गुऐ, अरह् पबित्र-आत्त्मा के जाँणें बुल्णों के शक्त्ति शे से अपरियाँण भाषा का बरदाँन लई साँत्त-भाँत्ती भाषा बुल्दे लागे।