“ए होड़कू! अपे नआँ ची पे ची यडा? अलिंञ हो अपे घयते दुख सुख सहो कींञ होड़कींञ हवे। अलिंञ अपे बढ़ियाँः खभेर लिंञ लाय वपे तना, अपे नआँ बेकार गिआ, हेना बगी वते जीवातय भगवान हनते पे मिड़ाऊ, हेंय सरग, धरती, अवुर समुन्धर अवुर जो कुछ हेना रे इदाना, हेनाय बनो केडा।