जौल़ौ तुऐं उपवास कौरौ, तौ कपटी कै जैशणै तोंवारै मुं पांदी उदासी नै हौणै चैंई, जिथुखै सैजै लोगौ शै तारीफ पाणौ कारिए उदास बौणैयौंदे रौंव, ताकि लोग तिनुखै उपवासी जाणौ हांव तुऔं खै साचौ बुलू, तिनुऐ आपणा इनाम पाए पोवा। पौरौ जौल़ौ तुऐं उपवास कौरौ तौ आपणै मुंडो पांदी तेल मोल़ेया औरौ मुं धोया। ताकि लोग नै पौरौ तैरा पिता जू गुप्त दा औसौ, ताखै उपवासी जाणौ। औरौ तोबै तैरा पिता जू गुप्त दा दैखौए सै ताखै इनाम दैला।