ई बजेसु थें जागतार्यो क्युं क थें कोन जाणो क घरको मालक जाणं कद्या आ जाव। दन आथ्या की, आधी रयात, मुर्गो बोल्या की या फेर दन उग्या की। अर ज्यो वो एकधम आ जाव तो अस्यान करो जिसुं वो थान्अ सुता कोन पाव्अ। ज्यो म थान्अ खेऊ छु, वाई सबळा न्अ खेऊ छु ‘जागतार्यो!’”