क्युं क म पक्काई जाणू हूँ क नइ तो मोत अर नइ जीवन, नइ ईस्बर नगरी दुत अर नइ उपरी सक्तिया प राज करबाळा, नइ इ टेम की कोई चिज अर नइ आबाळा टेम की कोई चिज, नइ कोई सक्तिया अर नइ उचाई अर नइ गेराई अर नइ सरस्टि की कोई चिज आपानै परमेसर का बि परेमऊँ न्यारो कर सकै जखो आपणा परबु मसी ईसु म ह।