काहाकाय पुस्तेक ज्य किथे, “जो कुण ता पोर बुरहो केरी तो लाजवाय नाय। यहुदि एने युनानी माय काय फारेक ना सोतो, ज्यानकेरता काय तो आखान मालीक हे एने तान आखाह नाव लेणारान केरता मालदार हे।” काहाकाय पुस्तेक किथे, “जो कुण मालीकाह मोदेक ने केरता आयड़ेह तो वोच जाय।”