पर तुम म असो नहीं होयेंन; पर जो कोयी तुम म बड़ो होनो चाहवय, ऊ तुम्हरो सेवक बने; अऊर जो तुम म मुख्य होनो चाहवय, ऊ तुम्हरो सेवक बने; जसो कि आदमी को बेटा; ऊ येकोलायी नहीं आयो कि ओकी सेवा टहल करी जाये, पर येकोलायी आयो कि खुद सेवा टहल करे, अऊर बहुत सो की छुड़ौती लायी अपनो जीव दे।”