जिहां नूहा रे ध्याड़े थे, तिहां ईं मां माह्णुं रे मह्ठे रा आऊंणा भी हूंणा। क्यूंकि जिहां जल-प्रलया रे टैमा मन्झ पैहले, जेस ध्याड़े तक कि नूह जहाजा पर नी चढ़ेया, तेस ध्याड़े तक लोक खांदे पींदे रहे, होर तिन्हा मन्झ ब्याह हुन्दे रहे। होर जेबे तक जल-प्रलय तिन्हा सभिया जो बहाई किन्हें नी लई गया; तेबे तक तिन्हा जो कुछ भी पत्ता नी लग्या, तिहां ईं मां माह्णुं रे मह्ठे भी आऊंणा।