चाणचक अकास तै तेज आँधी जिसी आवाज आई, अर उसतै सारा घर जित्त वे बेठ्ठे थे, गूँजग्या। अर उननै एक आग की लपट दिक्खी, जो जीभ के समान थी, वा आग की लपट अलग-अलग होकै उन सब कै उप्पर आ उतरी। वे सारे पवित्र आत्मा तै भरगे, अर जो वरदान पवित्र आत्मा नै उन ताहीं दिया, उसके मुताबिक वो अन्य-अन्य भाषा बोल्लण लाग्गे।