परमेश्वरजी मुउँइँले शीतमैं कुल्मिंरिगे
धै क्हिए म्रोंर ल्हें रा-रोमैं रोरिगे।
ह्रें-ह्रेंर्बै म्हिमैं क्हिए केब्छैंमैं तरिगे,
चमैंइ क्हि फ्योरिगे।
क्हिए आघेंमैं-अलिमैंए फिर क्हि क्ल्हे तरिगे,
झाइले क्हिए आमाउँइँले योंबै सन्तानमैं क्हिए ओंसों कुररिगे।
क्हिए फिर सराप झोंब्मैं ताँनइ सराप योंरिगे,
झाइले क्हिए फिर आशिक पिंब्मैं ताँनइ आशिक योंरिगे।”