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यशायाह 40:29
पवित्र बाइबिल OV (Re-edited) Bible (BSI)
वह थके हुए को बल देता है और शक्तिहीन को बहुत सामर्थ देता है।
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यशायाह 40:30-31
तरुण तो थकते और श्रमित हो जाते हैं, और जवान ठोकर खाकर गिरते हैं; परन्तु जो यहोवा की बाट जोहते हैं, वे नया बल प्राप्त करते जाएँगे, वे उकाबों के समान उड़ेंगे, वे दौड़ेंगे और श्रमित न होंगे, चलेंगे और थकित न होंगे।
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यशायाह 40:28
क्या तुम नहीं जानते? क्या तुमने नहीं सुना? यहोवा जो सनातन परमेश्वर और पृथ्वी भर का सिरजनहार है, वह न थकता, न श्रमित होता है, उसकी बुद्धि अगम है।
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यशायाह 40:3
किसी की पुकार सुनाई देती है, “जंगल में यहोवा का मार्ग सुधारो, हमारे परमेश्वर के लिये अराबा में एक राजमार्ग चौरस करो।
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5
यशायाह 40:8
घास तो सूख जाती, और फूल मुर्झा जाता है; परन्तु हमारे परमेश्वर का वचन सदैव अटल रहेगा।
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6
यशायाह 40:5
तब यहोवा का तेज प्रगट होगा और सब प्राणी उसको एक संग देखेंगे; क्योंकि यहोवा ने आप ही ऐसा कहा है।”
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7
यशायाह 40:4
हर एक तराई भर दी जाए और हर एक पहाड़ और पहाड़ी गिरा दी जाए; जो टेढ़ा है वह सीधा और जो ऊँचा–नीचा है वह चौरस किया जाए।
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8
यशायाह 40:11
वह चरवाहे के समान अपने झुण्ड को चराएगा, वह भेड़ों के बच्चों को अँकवार में लिए रहेगा और दूध पिलानेवालियों को धीरे–धीरे ले चलेगा।
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यशायाह 40:26
अपनी आँखें ऊपर उठाकर देखो, किसने इनको सिरजा? वह इन गणों को गिन गिनकर निकालता, उन सब को नाम ले लेकर बुलाता है? वह ऐसा सामर्थी और अत्यन्त बली है कि उनमें से कोई बिना आए नहीं रहता।
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यशायाह 40:22
यह वह है जो पृथ्वी के घेरे के ऊपर आकाशमण्डल पर विराजमान है, और पृथ्वी के रहनेवाले टिड्डी के तुल्य हैं; जो आकाश को मलमल के समान फैलाता और ऐसा तान देता है जैसा रहने के लिये तम्बू ताना जाता है
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यशायाह 40:2
यरूशलेम से शान्ति की बातें कहो; और उससे पुकारकर कहो कि तेरी कठिन सेवा पूरी हुई है, तेरे अधर्म का दण्ड अंगीकार किया गया है : यहोवा के हाथ से तू अपने सब पापों का दूना दण्ड पा चुका है।
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यशायाह 40:6-7
बोलनेवाले का वचन सुनाई दिया, “प्रचार कर!” मैं ने कहा, “मैं क्या प्रचार करूँ?” सब प्राणी घास हैं, उनकी शोभा मैदान के फूल के समान है। जब यहोवा की साँस उस पर चलती है, तब घास सूख जाती है, और फूल मुर्झा जाता है; नि:सन्देह प्रजा घास है।
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यशायाह 40:10
देखो, प्रभु यहोवा सामर्थ्य दिखाता हुआ आ रहा है, वह अपने भुजबल से प्रभुता करेगा; देखो, जो मजदूरी देने की है वह उसके पास है और जो बदला देने का है वह उसके हाथ में है।
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यशायाह 40:1
तुम्हारा परमेश्वर यह कहता है, मेरी प्रजा को शान्ति दो, शान्ति!
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यशायाह 40:12-14
किसने महासागर को चुल्लू से मापा और किसके बित्ते से आकाश का नाप हुआ, किसने पृथ्वी की मिट्टी को नपुए में भरा और पहाड़ों को तराजू में और पहाड़ियों को काँटे में तौला है? किसने यहोवा के आत्मा को मार्ग बताया या उसका मन्त्री होकर उसको ज्ञान सिखाया है? उसने किससे सम्मति ली और किसने उसे समझाकर न्याय का पथ बता दिया और ज्ञान सिखाकर बुद्धि का मार्ग जता दिया है?
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