योना उठा। वह प्रभु के सम्मुख से भागा। वह समुद्र पार तर्शीश नगर जाने के लिए याफा बन्दरगाह गया। वहां उसे एक जलयान मिला जो तर्शीश नगर जा रहा था। अत: उसने जलयान का किराया चुकाया, और उस पर चढ़ गया। वह नाविकों के साथ तर्शीश नगर जाना चाहता था ताकि वह प्रभु के सम्मुख से दूर हो जाए।